आएंगे उनके साथ साथ, मेरे दिन भी आएंगे
तस्वीर बन रही है, रंग भी चलें आएंगे
देखो मुस्कुराहट, न खिंचे और ज़्यादा
अश्क़ ताज़ा हैं, न चाह के भी छलक आएंगे
किस से छुपे हैं, ज़ाहिर हैं आपके जलवे
ना लिखे हर्फ़, तो तारों में नज़र आएंगे
कौन जाने इश्क़ को, बस इतनी ही खबर है
उनके ख़्वाब मेरी पलकों पे सिमट आएंगे
ख़ुदा देना उनको मेरा भी सारा वक़्त
वादा कर गए थे, जो मिला तो आएंगे
हिज्र में ना आये, और निगाह तरसती है
उस नींद को जिसमें, वो तसव्वुर बन के आएंगे
ना-उम्मीदी चाहे ढक ले हद-ए-निगाह
सब्र-ओ-गौर से देखो, सुराख़ नज़र आएंगे
बेबसी की गिरफ़्त में, क़ैद है ज़िन्दगी
इंतज़ार में उनकी हूँ, जो नहीं आएंगे
दबा लो लाख, जज़्बात बेबस हैं “मुख़्तसर”
ना बने हंसी, तो आंसूं उभर आएंगे